किसी भी मौसम में स्वस्थ रहने का सबसे आसान तरीका मौसमी फल और सब्जियां खाना है। अगर आप मौसमी फल और सब्जियां खाते हैं तो बहुत सारी बीमारियां नहीं होंगी। गाजर सर्दियों का ऐसा सब्ज़ी है जिसमे विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन के, पोटैशियम, कैल्शियम और आयरन जैसे कई जरूरी पोषक तत्व होते हैं। गाजर मौजूद फाइबर पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है और कब्ज से बचाता है। साथ ही इसमें पाया जाने वाला विटामिन ए आंखों की रोशनी के लिए बहुत फायदेमंद होता है। ये फाइबर और कार्बोहाइड्रेट का भी अच्छा स्रोत हैं। इन्हें रोजाना खाने से कैंसर का खतरा कम होता है और वजन नियंत्रण में भी मदद मिलती है।आज इस लेख में हम आपको कच्ची गाजर खाने के फायदे बताएंगे, जिन्हें जानने के बाद आप भी इसे अपनी डेली डाइट में शामिल करेंगे।

गाजर बहुत फायदेमंद है
गाजर एक ऐसी सब्जी है जिसमें कैलोरी बहुत कम और nutrition बहुत अधिक होता है। आवश्यक विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट की मौजूदगी के कारण यह इम्युनिटी को मजबूत बनाता है। इसके विशेष पोषण मूल्य के कारण इसके सेवन से हृदय, किडनी और लीवर का स्वास्थ्य अच्छा रहता है। इसके अन्य लाभ क्या हैं,
गाजर में विटामिन और मिनरल भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं
गाजर में कई तरह के विटामिन और मिनरल होते हैं। यही कारण है कि गाजर सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। ज़्यादातर लोग ये सोचते हैं कि गाजर में विटामिन ए काफी मात्रा में पाया जाता है। जबकि गाजर में विटामिन ए के अलावा विटामिन सी और बी6 भी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
गाजर आंखों की रोशनी बढ़ाता है
कच्ची गाजर विटामिन ए का सबसे अच्छा स्रोत है। विटामिन ए आंखों में रेटिना को मजबूत करने में मदद करता है और कम रोशनी में देखने की क्षमता को बढ़ाता है। गाजर में बीटा-कैरोटीन पाया जाता है, जो बहुत ही शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट माना जाता है, ये आंखों को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाता है और मोतियाबिंद के विकास को कम करता है।
ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है
कच्ची गाजर पोटैशियम से भरपूर होती है। आपको बता दें, पोटैशियम शरीर में सोडियम के स्तर को संतुलित रखने में मदद करता है। सोडियम ब्लड प्रेशर को बढ़ाने का काम करता है, जबकि पोटैशियम इसे कम करने में मददगार होता है। इसके अलावा कच्ची गाजर में फाइबर की अच्छी मात्रा होती है। फाइबर पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है और शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करता है, जिससे हृदय रोग और उच्च रक्तचाप का खतरा कम होता है।
इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है
कच्ची गाजर और इसका जूस इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने का एक प्राकृतिक तरीका है। रोजाना इसका सेवन करने से शरीर को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं जो रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ाते हैं। इसमें मौजूद विटामिन और पोषक तत्व इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर हमें स्वस्थ रखते हैं।
वजन घटाने में फायदेमंद
कच्ची गाजर का जूस न सिर्फ वजन कम करने में मदद करता है बल्कि आपके स्वास्थ्य को भी कई तरह से बेहतर बनाता है। इसमें मौजूद फाइबर आपको लंबे समय तक भरा रखता है जिससे आपको बार-बार खाने की इच्छा नहीं होती। साथ ही इसमें कैलोरी भी बहुत कम होती है जिससे आप बिना किसी परेशानी के वजन घटा सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है
कच्ची गाजर खाने या गाजर का जूस पीने से न सिर्फ़ आपका वज़न कम होता है बल्कि आपका दिल भी स्वस्थ रहता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करके दिल की बीमारियों के जोखिम को कम करते हैं। इसके अलावा कच्ची गाजर में मौजूद पोटैशियम ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में मदद करता है जो स्वस्थ दिल के लिए बहुत ज़रूरी है।
गाजर खाने के नुकसान : Carrot Side Effects
सर्दियों में गाजर काफी आसानी से मिल जाते हैं, क्योंकि इस सीजन में इसकी पैदावर काफी ज्यादा होती है। गाजर कई तरह के पोषक तत्वों जैसे- आयरन, बीटा कैरोटीन, एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इफ्लेमेटरी इत्यादि से भरपूर होता है। ऐसे में यह हमारे स्वास्थ्य के लिए काफी प्रभावी है। लेकिन गाजर का अधिक सेवन करने से सेहत को नुकसान पहुंच सकता है.
आइए जानते हैं किन लोगों के लिए गाजर हानिकारक है ?
बच्चों के लिए गाजर काफी ज्यादा हेल्दी होता है। लेकिन इन्हें सीमित मात्रा में ही गाजर खिलाएं। अगर आप उन्हें अधिक मात्रा में गाजर खिलाते हैं, तो इससे उन्हें परेशानी हो सकती है। अधिक मात्रा में छोटे बच्चों को गाजर खिलाने से पेट में दर्द, मरोड़ जैसी समस्या हो सकती है। इसलिए कोशिश करें कि उन्हें सीमित मात्रा में ही गाजर दें।
एलर्जी की समस्या
गाजर का इस्तेमाल करने से कुछ लोगों को एलर्जी की परेशानी हो सकती है। दरअसल, कुछ लोगों को गाजर के प्रति sensitive होती है। इसलिए इस तरह के लोगों को गाजर का सेवन नहीं करना चाहिए। अगर आप गाजर का सेवन करते हैं, तो इस स्थिति में आपको स्किन में रैशेज, एलर्जी, दस्त, अपच जैसी परेशानी हो सकती है।
त्वचा का पीलापन बढ़ सकता है
गाजर का ज्यादा इस्तेमाल से कुछ लोगों की त्वचा का पीलापन बढ़ जाता है। यह गाजर में बीटा कैरोटीन मौजूद होने की वजह से होता है, जो आपके शरीर में पहुंचकर विटामिन ए में बदल जाता है। गाजर काअधिक मात्रा में सेवन करने से खून में कैरोटीन की मात्रा काफी बढ़ जाती है। ऐसे स्तिथि में आपकी त्वचा का पीलापन काफी बढ़ सकता है।
डायबिटीज के मरीज रहें दूर
ब्लड शुगर के मरीजों को गाजर का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। क्योंकि, गाजर में प्राकृतिक रूप से शुगर की मात्रा अधिक होती है। ऐसे में अगर आप गाजर का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं तो यह आपके शरीर में शुगर की मात्रा को बढ़ा सकता है। ऐसे में गाजर का सेवन सीमित मात्रा में ही करें।
स्तनपान कराने वाली महिलाएं
स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी गाजर का ज्यादा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। दरअसल, इसके अधिक इस्तेमाल से दूध का स्वाद बदल सकता है। ऐसे में बच्चों को दूध पीने में परेशानी हो सकती है। साथ ही महिलाओं को भी इससे परेशानी हो सकती है। ऐसे में इसका सेवन सीमित मात्रा में ही करें।
गाजर से जुड़े कुछ सामान्य प्रश्न और उनके उत्तर
सवाल: गाजर का पोषण मूल्य क्या है?
जवाब: गाजर में 86% से 95% पानी होता है। शेष 10% कार्बोहाइड्रेट होता है। गाजर में प्रोटीन और वसा भी होता है, लेकिन उनकी मात्रा बहुत कम होती है।
सवाल: क्या हम रोज़ाना गाजर खा सकते हैं?
जवाब: एक स्वस्थ वयस्क को दिन में 1-2 गाजर खानी चाहिए। बच्चे एक दिन में एक गाजर खा सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि एक गाजर का वजन करीब 125 ग्राम से 200 ग्राम होता है। अगर हर दिन 125 ग्राम की एक गाजर खाई जाए तो यह विटामिन ए की हमारी दैनिक जरूरत का 100% से भी ज्यादा पूरा करती है।
हर दिन बहुत ज्यादा गाजर खाने से बाल झड़ना, होंठ फटना, त्वचा का रूखा होना और हड्डियां कमजोर होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इससे खून में कैल्शियम की मात्रा भी बढ़ सकती है, जिससे इडियोपैथिक इंट्राक्रैनील हाइपरटेंशन जैसी स्थिति पैदा हो सकती है। यह स्थिति तब होती है जब मस्तिष्क के आसपास बहुत ज्यादा दबाव होता है।
सवाल: गाजर को कच्चा खाना बेहतर है या पकाकर?
जवाब: कुछ सब्ज़ियाँ कच्ची और पकाकर दोनों तरह से खाई जा सकती हैं। गाजर ऐसी ही सब्ज़ियों में से एक है। इसे कच्चा खाने पर भी पेट इसे आसानी से पचा सकता है। इसे हेल्दी ब्रेकफास्ट या स्नैक के तौर पर खाया जा सकता है। इसमें फाइबर भी भरपूर मात्रा में होता है, जो कब्ज से बचाता है।
अगर आप पकाकर गाजर खाते हैं, तो बीटा-कैरोटीन को अवशोषित करना आसान होता है और अगर यह दूषित है, तो संक्रमण का खतरा भी कम हो जाता है।
सवाल: क्या गाजर को पकाने से उसके पोषक तत्व नष्ट हो जाते हैं?
जवाब: नहीं, गाजर को पकाने से उसके पोषक तत्वों में कोई खास अंतर नहीं आता। अगर गाजर को लंबे समय तक तेज आंच पर पकाया जाए तो उसकी एंटीऑक्सीडेंट एक्टिविटी और विटामिन सी कम हो सकता है।
गाजर को सिर्फ उबालने या धीमी आंच पर पकाने से उसके पोषण में कोई खास अंतर नहीं आता, उल्टा हमारे शरीर के लिए उसमें मौजूद पोषक तत्वों को अवशोषित करना आसान हो जाता है।
सवाल: क्या गाजर खाने से एलर्जी हो सकती है?
जवाब: हां, जिन लोगों को पराग-खाद्य एलर्जी सिंड्रोम है, उन्हें गाजर खाने के बाद एलर्जी हो सकती है। इस सिंड्रोम में व्यक्ति को कुछ कच्चे फल, मेवे और सब्ज़ियों से एलर्जी होती है। इससे गले, मुंह और कान में खुजली के साथ सूजन भी होती है। अगर गाजर खाने के बाद ऐसा कोई लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
सवाल: क्या गाजर खाने से कोई साइड इफ़ेक्ट होता है?
जवाब: आम तौर पर गाजर खाने से कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं होता है। हालाँकि, लगातार कई दिनों तक बहुत ज़्यादा गाजर खाने से त्वचा पीली या नारंगी हो सकती है। बहुत ज़्यादा गाजर खाने से पाचन संबंधी समस्याएँ भी हो सकती हैं। कुछ मामलों में एलर्जी भी देखी जा सकती है। अगर कोई साइड इफ़ेक्ट दिखे तो गाजर खाना बंद कर दें और डॉक्टर से सलाह लें।
सवाल: किन लोगों को गाजर नहीं खाना चाहिए?
जवाब: इन लोगों को गाजर नहीं खाना चाहिए:
- जिन्हें डायरिया है।
- जो लोग कोई हॉर्मोनल थेरेपी ले रहे हैं।
- जिन लोगों को पॉलोन-फूड एलर्जी सिंड्रोम है
- जिन लोगों को दस्त की समस्या है।
- जो लोग कोई हार्मोनल थेरेपी ले रहे हैं।
- जिन लोगों को पराग-खाद्य एलर्जी सिंड्रोम है।
सवाल: क्या गाजर पचाना आसान है?
जवाब: हां, गाजर ज़्यादातर लोगों के लिए पचाने में आसान होती है। गाजर में मौजूद फाइबर इसे पचाने में आसान बनाता है। छोटे बच्चों और आंतों की समस्या वाले लोगों को कच्ची गाजर पचाने में मुश्किल हो सकती है। अगर इसे पकाकर खाया जाए तो इसका पाचन सभी के लिए बहुत आसान हो जाता है।