Amla Benifits-आंवला का फ़ायदे और उपयोग

आंवला एक ऐसा फल है जिसके बहुत सारे फायदे हैं (Amla Benefits) । आंवला न केवल त्वचा और बालों के लिए फायदेमंद है, बल्कि कई बीमारियों के लिए  भी औषधि का काम करता है। आंवला का इस्तेमाल बहुत  तरह से किया जाता है, जैसे आंवला का जूस, आंवला का पाउडर, आंवला का अचार आदि। आंवला में भरपूर मात्रा में Vitamins, minerals  और पोषक तत्व पाये जाते  हैं, जो आंवला को अनमोल गुणों से भरपूर बनाते हैं।

Amla Benefits

आंवला के फ़ायदे (Amla Benefits and Uses)

आंवला के इस्तेमाल से  बहुत सारे  फायदे (amla ke fayde) हैं। आंवला खून को साफ करता है, डायरिया, डायबिटीज, जलन में बहुत मुफीद है। इसके साथ ही यह पीलिया, हाइपर-एसिडिटी, एनीमिया, रक्तपित्त (नाक-कान से खून बहने की समस्या), वात-पित्त के साथ-साथ बवासीर या बवासीर में भी बहुत फायदेमंद है। यह शौच की प्रक्रिया को आसान बनाता है। इसके सेवन  से सांस संबंधी बीमारियों, खांसी और कफ से जुड़ी बीमारियों में राहत  मिलता  है। आंवला आंखों की रोशनी भी बढ़ाता है। अपने अम्लीय गुणों के कारण यह गठिया में भी फायदा पहुंचाता है।

आंवला शरीर के पित्त, वात और कफ को संतुलित करने में मदद करता है। आंवला, पीपल और हरड़ सभी तरह के बुखार से राहत दिलाने में मदद करते हैं। आंवले के इस्तेमाल से दर्द में राहत मिलता है.

बालों की समस्याओं में आंवला के फ़ायदे (Amla Benefits in Long, Shiny and Black Hair

हर उम्र के लोग सफेद बालों की समस्या से जूझ रहे हैं. आंवला के मिश्रण का लेप लगाने से कुछ ही दिनों में ही बाल काले हो जाते हैं. 30 ग्राम सूखा आंवला, 10 ग्राम बहेड़ा, 50 ग्राम आम की गिरी और 10 ग्राम लौह भस्म लें. इन्हें रातभर लोहे की कड़ाही में भिगो दें. अगर आपका बाल कम उम्र मेंसफेद हो रहे हैं तो इस लेप को रोजाना लगाएं. कुछ ही दिनों में आपके  बाल काले होने लगते हैं.

आंवला के साथ  रीठा और शिकाकाई को मिलाकर काढ़ा बना लें. इसे बालों पर लगाएं. सूखने के बाद बालों को पानी से अच्छी तरह धो लें. इससे बाल मुलायम, घने और लंबे होते हैं.

आंवला के फल और आम की गिरी के गूदे को एक साथ पीस लें. इसे सिर पर लगाने से बालों की जड़ें मजबूत होती हैं और बाल काले होते हैं.

लोहा भस्म और आंवला चूर्ण को गुड़हल के फूल के साथ पीस लें. नहाने से पहले इसे सिर पर कुछ देर तक लगाएं और फिर पानी से धो लें। इससे बाल सफेद होने से बच जाते हैं।

मोतियाबिंद में आंवला के फ़ायदे (Amla Benefits in glaucoma)

आमतौर पर बढ़ती उम्र के साथ कई लोगों को मोतियाबिंद की समस्या होने लगती है। इससे बचने के लिए आंवले में रसांजन, मधु और घी मिलाकर लगाएं। इस मिश्रण को आंखों में लगाने से आंखों का पीलापन और मोतियाबिंद में लाभ होता है।

आंखों के रोगों में आंवले के फ़ायदे (Amla Benefits in eye diseases)

आंवले के रस की 1-2 बूंद आंखों में डालने से आंखों के दर्द में आराम मिलता है। आंवले के बीजों को घिसकर आंखों में लगाने से आंखों के रोगों में लाभ होता है। अपामा, आंवले का रस, धाय के फूल, नीला वित्र और खपरिया तुत्था को नींबू के रस में मिला लें। इसकी गोली बनाकर आंखों में काजल की तरह लगाने से आंखों के कई रोग ठीक हो जाते हैं। 7 ग्राम आंवले को जौ के साथ पीसकर ठंडे पानी में भिगो दें। दो-तीन घंटे बाद आंवले को निचोड़ लें। इसी तरह उसी पानी में दूसरा आंवला भिगो दें। दो-तीन घंटे बाद फिर निचोड़ लें। ऐसा तीन-चार बार करें। इस पानी को आंखों में डालने से आंखों की सूजन (आंवले के फायदे) कम हो जाती है इससे पित्त दोष के कारण होने वाली आंखों की खुजली, जलन आदि की समस्या में राहत मिलती है।

नाक से खून बहने की समस्या में आंवला फ़ायदेमंद (Amla Benefits to Get Relieve from Epistaxis)

नाक से खून बहने की समस्या कई कारणों से हो सकती है। इसमें आंवला फायदेमंद है। जामुन, आम और आंवला को कांजी आदि के साथ बारीक पीस लें। इसे माथे पर लगाने से एपिस्टेक्सिस (नाक से खून बहने की समस्या) में लाभ होता है।

गले की खराश के लिए आंवला के फ़ायदे ( Amla Benefits for sore throat )

जब भी मौसम बदलता है तो आमतौर पर गले में खराश की समस्या शुरू हो जाती है। ऐसे में आंवला चूर्ण बहुत फायदेमंद होता है। अजमोदा, हल्दी, आंवला, यवक्षार और चित्रक को बराबर मात्रा में मिला लें। 1 से 2 ग्राम आंवला चूर्ण को 2 चम्मच शहद और 1 चम्मच घी के साथ चाटें। इससे गले की खराश दूर होती है।

आंवले के फ़ायदे अपच के लिए ( Amla Benefits for Indigestion )

कई बार गलत समय पर खाना खाने या कुछ गलत खाने से अपच हो जाता है। इसके लिए आंवले को पका लें। इसमें उचित मात्रा में काली मिर्च, सोंठ, सेंधा नमक, भुना जीरा और हींग मिला लें। इसे छाया में सुखाकर खाने से भूख बढ़ती है और कब्ज और अपच जैसी समस्याओं से राहत मिलती है।

कब्ज में आंवला के फ़ायदे (Amla to Relieves Constipation)

आजकल की लाइफ़स्टाइल और खान-पान की वजह से हर कोई कब्ज से परेशान है। 3-6 ग्राम त्रिफला चूर्ण को गुनगुने पानी के साथ सेवन करें। इससे कब्ज में राहत मिलती है।

दस्त में आंवला के फ़ायदे (Amla to Fight Diarrhea)

10-12 ग्राम कोमल आंवला के पत्तों को पीसकर छाछ के साथ सुबह-शाम सेवन करें। इससे दस्त में लाभ होता है।

दस्त में आंवला के फ़ायदे (Amla to Fight Diarrhea)

10-12 ग्राम कोमल आंवला के पत्तों को पीसकर छाछ के साथ सुबह-शाम सेवन करें। इससे दस्त में लाभ होता है।

पेचिश में आंवला के फ़ायदे (Amla Benefits in Dysentery)

अगर मल के साथ खून आने लगे तो यह स्थिति शरीर के लिए गंभीर हो जाती है। 10-20 मिली आंवला जूस (amla juice benefits) में 10 ग्राम शहद और 5 ग्राम घी मिलाएं। इसे पीएं और इसके बाद 100 मिली बकरी का दूध पिएं। ऐसा दिन में तीन बार करें। इससे पेचिश में लाभ होता है।

उल्टी से राहत पाने के लिए आंवला (Amla to Get Relieve from Vomiting)

10-20 मिली आंवला जूस (patanjali amla juice) में 5-10 ग्राम मिश्री मिलाकर सेवन करें। इससे हिचकी और उल्टी बंद हो जाती है।
5-10 ग्राम आंवला चूर्ण को पानी के साथ पीने से भी उल्टी में आराम मिलता है।

एसिडिटी में आंवला या आंवला के फ़ायदे (Amla Benefits in Hyperacidity)

हाइपरएसिडिटी आजकल एक आम समस्या बन गई है। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक किसी को भी यह समस्या हो सकती है। 10 ग्राम आंवले के बीजों को रात भर पानी में भिगो दें। अगले दिन बीजों को गाय के दूध में पीस लें। इसे 250 मिली गाय के दूध के साथ सेवन करें। इससे एसिडिटी में आराम मिलता है।

बवासीर में आंवला के फ़ायदे (Amla to Get Relieve from Piles)

बवासीर या पाइल्स कब्ज के कारण होने वाली बीमारी है। अक्सर मसालेदार खाना खाने वाले लोगों को यह समस्या होती है। इसके लिए आंवले का सेवन फायदेमंद होता है। -आंवले को अच्छे से पीसकर मिट्टी के बर्तन में (अंदर) लेप लगाएं। रोगी को इस बर्तन में छाछ रखकर पीना चाहिए। इससे बवासीर में आराम मिलता है। -अगर बवासीर में बहुत ज्यादा खून बह रहा हो तो 3-8 ग्राम आंवले के चूर्ण को दही की मलाई के साथ सेवन करें। ऐसा दिन में दो-तीन बार करें।

मधुमेह में आंवला के फ़ायदे (Amla to Control Diabetes)

प्रमेह को मधुमेह या मधुमेह के नाम से भी जाना जाता है। वर्तमान समय में बहुत से लोग मधुमेह से पीड़ित हैं। इसके लिए आंवला, हरड़, बहेड़ा, नागरमोथा, दारुहल्दी और देवदार लें। इन्हें बराबर मात्रा में लेकर चूर्ण बना लें। इसे 10-20 मिली की मात्रा में सुबह-शाम मधुमेह के रोगी को देने से लाभ होता है।दो-तीन बार करें।

आंवला के इस्तेमाल से खुजली में राहत (Relief from itching by using Amla)

आंवला के बीज को जलाकर राख बना लें। इसमें नारियल का तेल मिला लें। इसे किसी भी तरह की खुजली, गीली या सूखी, पर लगाने से लाभ होता है।

त्वचा रोगों में फ़ायदेमंद है आंवला (Amla for Skin Disease)

नीम के पत्तों और आंवले को घी के साथ सेवन करें। यह फोड़े-फुंसी, चोट से जुड़ी समस्याओं, पित्त की समस्या, खुजली आदि में फायदेमंद है।

पीलिया में फ़ायदेमंद है आंवला (Amla Benefits in Jaundice)

कामला को पीलिया के नाम से भी जाना जाता है। पीलिया होने पर त्वचा का रंग पीला हो जाता है और अगर शुरुआती अवस्था में इसका इलाज न किया जाए तो यह गंभीर हो सकता है। -आंवले की चटनी बनाकर उसमें शहद मिलाएं। इसका सेवन करने से लीवर संबंधी विकार और पीलिया (amla ke fayde) में लाभ होता है। -1-2 पीस आंवले के चूर्ण को 125-250 मिलीग्राम लौह भस्म के साथ सेवन करने से पीलिया और एनीमिया में लाभ होता है।

कुष्ठ रोग में आंवला के फ़ायदे (Amla Benefits in Leprosy)

आँवला और नीम के पत्तों को बराबर मात्रा में लेकर बारीक चूर्ण बना लें। इसे 2 से 6 ग्राम या 10 ग्राम की मात्रा में शहद के साथ रोज सुबह चाटें। इससे कुष्ठ रोग के गंभीर मामलों में भी तुरंत आराम मिलता है।

प्रमेह में आंवला के फ़ायदे (Benefits of Amla in diabetes)

10 ग्राम बीज रहित आंवला चूर्ण धूप में सुखा लें। इसमें दुगुनी मात्रा में मिश्री मिला लें। इसे ताजे पानी के साथ लगातार 15 दिन तक सेवन करें। इससे स्वप्नदोष, प्रमेह आदि रोगों में अवश्य लाभ मिलता है।

गोनोरिया में आंवला के फ़ायदे (Benefits of Amla in Gonorrhea)

गोनोरिया एक यौन संचारित रोग (STD) है। इस रोग में लिंग के अंदर घाव बन जाता है जिसमें से मवाद निकलता है। इसके लिए 2-5 ग्राम आंवला चूर्ण को एक गिलास पानी में मिलाकर पिलाएं और इस पानी से लिंग को धोएँ। इससे सूजन और जलन शांत होती है। इससे घाव धीरे-धीरे ठीक हो जाता है और मवाद निकलना बंद हो जाता है।

गठिया से राहत पाने के लिए आंवला के फ़ायदे (Benefits of Amla to get relief from arthritis)

गठिया के कारण जोड़ों में दर्द और सूजन होती है। बुजुर्ग लोग इस समस्या से सबसे ज्यादा पीड़ित होते हैं। 20 ग्राम सूखा आंवला और 20 ग्राम गुड़ लें। इसे 500 मिली पानी में उबालें। जब पानी 250 मिली रह जाए तो इसे छानकर सुबह-शाम पिएं। यह गठिया में लाभकारी है। इस दौरान नमक का सेवन न करें।

बुखार में आंवला के फ़ायदे (Amla Benefits to Get relieve from Fever

मोथा, इद्रजौ, हरड़, बहेड़ा, आंवला, कुटकी और फालसा का काढ़ा बना लें। इसे 10-30 मिली मात्रा में पिएं। कफ दोष के कारण होने वाले बुखार में यह लाभकारी है।

आंवला देता है हिचकी से राहत (Uses of Amla for Hiccup )

हिचकी की समस्या को ठीक करने के लिए पीपल, आंवला और सोंठ के 2-2 ग्राम चूर्ण को 10 ग्राम चीनी और 1 चम्मच शहद के साथ मिला लें। इसे थोड़ी-थोड़ी देर पर चाटने से हिचकी और दमा में आराम मिलता है। 10-20 मिली आंवले के रस में 2 चम्मच शहद और 2-3 ग्राम पीपल के पत्ते का चूर्ण मिला लें। इसे दिन में दो बार सेवन करने से हिचकी में आराम मिलता है।

गले की खराश के लिए आंवला के फ़ायदे (Amla Benefits in Sore Throat)

गले की खराश होने पर आंवला का सेवन आपको फायदा पहुंचा सकता है। आंवले में लवण रस को छोड़कर सभी पांच रस (मीठा-खट्टा-कड़वा-तीखा-कसैला) होते हैं। इसलिए, अपने मीठे और कसैले रस के कारण यह गले की खराश को कम करने में मदद करता है। अगर गले की खराश सूजन के कारण है, तो इसका ठंडा गुण और मिठास सूजन को कम करता है और गले को आराम देता है।

बढ़ती उम्र के असर को नियंत्रित करने के लिए आंवला के फ़ायदे

आंवला के सेवन से बढ़ती उम्र के असर को रोका जा सकता है। आयुर्वेद के अनुसार आंवला को रसायन माना जाता है। यहां रसायन से तात्पर्य ऐसे रसायन से है जिसके सेवन से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। रसायन के सेवन से शरीर में होने वाली अपक्षयी बीमारियों को रोकने में मदद मिलती है, जिससे बढ़ती उम्र के लक्षण कम होने लगते हैं।

मजबूत हड्डियों के लिए आंवला के फ़ायदे (Benefits of Amla for Strong Bones)

एक रसायन होने के कारण, आंवला शरीर की सभी धातुओं को पोषण देता है। इसलिए, यह अस्थि धातु को भी पोषण देता है और हड्डियों को मजबूत बनाता है।

आंवला रक्त शुद्धिकरण में लाभकारी (Amla is beneficial in blood purification)

आंवला का सेवन रक्त को शुद्ध करने में मदद करता है। इसलिए, आंवला का रस अशुद्ध रक्त के कारण होने वाली बीमारियों से राहत दिलाने में फायदेमंद है।

कैंसर से बचाव के लिए आंवला का उपयोग (Use of Amla to prevent cancer)

आंवला का सेवन कैंसर को फैलने से रोकने में भी सहायक है, क्योंकि इसमें कैंसर रोधी तत्व पाए जाते हैं। आयुर्वेद के अनुसार आंवला एक रसायन है, यानी यह रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, इसलिए यह कैंसर को रोकने में मदद करता है।

दिमाग को तेज करने के लिए आंवला का इस्तेमाल (Amla Beneficial to Boost Memory)

आंवला का इस्तेमाल दिमाग की सक्रियता को बढ़ाने में मदद करता है। आंवला में पाए जाने वाले रासायनिक गुण दिमाग को तेज करने में मदद करते हैं।

दांतों के लिए आंवला का इस्तेमाल (Use of Amla for Teeth)

आंवला के पत्ते और फल दोनों ही मुंह से जुड़ी बीमारियों में फायदेमंद होते हैं। आंवला के पत्ते दांतों को मजबूत बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं और फल मसूड़ों से जुड़ी बीमारियों में फायदेमंद होता है।

हृदय को स्वस्थ रखने में आंवला के फ़ायदे (Amla Beneficial for Healthy Heart)

आंवला का सेवन हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करता है, क्योंकि आंवला का सेवन कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है और साथ ही आंवला में पाया जाने वाला विटामिन सी रक्त वाहिकाओं को संकुचित होने से रोकता है जिसके कारण रक्तचाप भी सामान्य रहता है।

नसों की कमजोरी दूर करने के लिए आंवला का उपयोग

आंवला का उपयोग नसों की कमजोरी दूर करने में सहायक है, क्योंकि आंवला में रासायनिक गुण होते हैं। रासायनिक गुण समय के साथ नसों में होने वाले परिवर्तन यानी अध:पतन को नियंत्रित करते हैं और कमजोरी दूर करते हैं।

आंवला से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ Related to Amla)

1- आंवला खाने से क्या-क्या नुकसान होते हैं?
आम तौर पर आंवला खाने से कोई साइड इफेक्ट नहीं देखा गया है, लेकिन इसकी ठंडी प्रकृति के कारण सर्दियों में फल के रूप में इसके सेवन से बचना चाहिए।
आंवला एक प्रकार का स्वादिष्ट फल है। आयुर्वेद के अनुसार इसमें लवण रस को छोड़कर सभी पांच रस पाए जाते हैं, जिसमें अम्ल और कसैलापन प्रमुख है। आंवले की तासीर ठंडी होती है, यानी इसके सेवन से शरीर को ठंडक मिलती है।
आयुर्वेदिक विशेषज्ञों के अनुसार आंवला में कई ऐसे गुण होते हैं जो हमारे शरीर की बीमारियों से लड़ने की शक्ति को बढ़ाने में मदद करते हैं। सर्दियों में सर्दी-खांसी के साथ-साथ कई छोटी-मोटी समस्याएं होती रहती हैं, ऐसे में अगर आप नियमित रूप से आंवला का सेवन करते हैं तो इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होने से इन सभी समस्याओं के होने की संभावना कम हो जाती है।
सर्दियों के दिनों में आप आंवले का सेवन कई तरह से कर सकते हैं। आप चाहें तो इसके फल को सीधे खा सकते हैं या इसका जूस पी सकते हैं। सर्दियों में ज्यादातर लोग रोग प्रतिरोधक क्षमता और शरीर की ताकत बढ़ाने के लिए च्यवनप्राश का सेवन करते हैं। च्यवनप्राश का मुख्य घटक भी आंवला ही है, इसलिए अगर आपको आंवले के फल या जूस का स्वाद पसंद नहीं है, तो आप इसका सेवन च्यवनप्राश के रूप में कर सकते हैं। इसके अलावा, बाजार में मिलने वाले आंवले के पाउडर, कैंडी, कैप्सूल और जैम का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
आयुर्वेदिक डॉक्टरों का मानना है कि सर्दियों में हर उम्र के लोगों को नियमित रूप से आंवले के जूस का सेवन करना चाहिए। इसके नियमित सेवन से पेट की बीमारियाँ दूर होती हैं और शरीर स्वस्थ रहता है। रोजाना सुबह नाश्ते से पहले आंवले का जूस पीना ज़्यादा फ़ायदेमंद होता है।

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